अछूत कन्या - भाग १५  

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गंगा की बात को बीच में ही काटते हुए विवेक ने पूछा, “गंगा तुम किस गाँव की बात कर रही हो?” विवेक का यह प्रश्न गंगा के कानों से टकराकर लौट गया। मानो इस वक़्त वह कुछ भी सुनना नहीं चाह रही थी; केवल और केवल अपने मन की बातें ही बताना चाह रही थी। वह बोलती रही उसने कहा, “विवेक अब मैं तुम्हें जो बताने जा रही हूँ उसके लिए तुम्हें अपने दिल को मज़बूत करना होगा।” विवेक एक गहरी सोच में डूबा यह जानने को आतुर था कि गंगा क्या बताने वाली है। “विवेक मेरी मुझसे बड़ी एक