आगे की कहानी शुभ कबसे उसे देख रहा था या यू कहे घूर रहा था उसकी बातें सुने जा रहा था उस लड़की के चेहरे पर जो परेशानी नजर आ रही थी उसे शुभ भी बेचैन होने लगा था शायद ही पहली बार वो किसी लड़की को यू देखे जा रहा था उसकी नजर हट ही नहीं रही थीं की पहली बार किसी चांद को बारिश में भीगते देखा उसकी आखें उसका नूर पहली बार ऐसा लगा जैसे किसी अप्सरा को देखा वो खुद ही हैरान था की वो क्या बोले जा रहा है तभी एक आवाज से ध्यान टूटा