हडसन तट का ऐरा गैरा - 26

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थोड़ी देर बैठे- बैठे ज़रा सी झपकी ले लेने के बाद ऐश को याद आया कि वह यहां के स्थानीय निवासियों से इस तरह क्यों घुल- मिल गई, वह तो परदेसी है। उसे तो कुछ समय बाद यहां से उड़ ही जाना है। जब उनके दल का मुखिया उड़ने का संकेत देगा, उन्हें ये ज़मीन छोड़नी ही होगी। लेकिन फिर भी उसका मन ये सोच कर खट्टा हो गया कि जो लोग जीवन भर कहीं आते- जाते नहीं, एक ही जगह जमे रहते हैं वो कितने खुदगर्ज हो जाते हैं। घाट- घाट का पानी पी लेने वाले तो ख़ुद बहते