इस तरफ कार में नीचे निलेश बैठा हुआ था। बाहर बारिश इतनी जोरो से हो रही थी कि गाड़ी चलाते हुए सामने देखना मुश्किल हो जाता, जिसकी वजह से वह घर भी नहीं जा सकता था। तभी उसका ध्यान होटल की ओर गया खिड़कियों से आती हुई लाइट्स की रोशनी की वजह से उसे समझ में आ गया कि लाइट आ चुकी है,उसे एक बार कविता से बात करने का मन हुआ पर शायद वह सो रही होगी इसलिए उसने फोन करने का ख्याल टाल दिया।कुछ देर ऐसे ही बैठे रहने के बाद उसका ध्यान लैपटॉप पर गया। "जरा देखूं