*** फाटक पर किसी की दस्तक सुन हवेली के भीतर मौजुद कुत्ते जोर-जोर से भौंकने लगे थे। “कौन हो तुम? कहो, क्या काम है? किससे मिलना है?”- हवेली के बाहर खड़े दो मुस्टंडों ने श्यामा को भीतर जाने से रोकते हुए उससे पुछा फिर उसके निकले हुए पेट पर निगाह डाली। “भीतर जाकर कहो कि श्यामा आयी है! और ये क्या तुम मेरा रास्ता रोककर खड़े हो! ये मेरा ससुराल है! हटो, मुझे भीतर जाने दो!”- श्यामा ने मुस्टंडों से कहा और भीतर जाने का असफल प्रयास करने लगी।“नहीं, मालिक का हुक़्म है कि बिना उनकी अनुमति के भीतर किसी