ह ला ला या हलाल ?

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शबाना का शौहर अब्बास जब से बेरोजगार हुआ था मोहल्ले के लम्पट बदमाशों से उसकी दोस्ती गहरी हो गयी थी। उन्हीं में से एक कादिर उसका लंगोटिया यार बन गया था। पढ़ी लिखी शबाना एक फर्म में सहायक मैनेजर के पद पर कार्यरत थी। गृहस्थी की गाड़ी किसी तरह चल रही थी।कादिर व मोहल्ले के लम्पटों की सोहबत में अब अब्बास को शराब की लत भी लग चुकी थी। मोहल्ले की गलियों से होता हुआ शराब का दौर अब उसके घर में भी चलना शुरू हो गया था। कादिर अक्सर उनके घर में ही डेरा जमाए रहता। उसकी भूखी निगाहें