अछूत कन्या - भाग १०

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गाँव में नर्मदा के परिवार को अछूत समझते थे, ऐसा सुनते ही अरुणा ने दंग होते हुए कहा, “यह क्या कह रही हो नर्मदा?” “हाँ मैडम जी इसी छुआ छूत की शिकार मेरी बड़ी बेटी हुई है।” “क्या हुआ था उसे?” नर्मदा भूतकाल की उन यादों में खो गई जिन्हें वह कभी नहीं भूल सकती थी। वह अरुणा को भी अपने साथ वीरपुर की उन्हीं गलियों में लेकर चली गई। वह बोलती जा रही थी एक के बाद एक वैसे ही जैसे सब कुछ घटा था और अरुणा की भी आँखों में शायद वैसे ही दृश्य दिखाई दे रहे थे।