शेठ जमनादास के घर पार्टी अपने पूरे शबाब पर थी। लॉन में एक तरफ खाने पीने की चीजों के स्टॉल लगे हुए थे। एक कोने में बार का भी स्टॉल लगा हुआ था। सामने मंच पर ऑर्केस्ट्रा वाले कोई मीठी सी धुन बजा रहे थे। धुन की लय पर मेहमान जोड़े थिरक रहे थे। वर्दीधारी वेटर उनकी सेवा के लिए दौड़भाग कर रहे थे। पार्टी लॉन में बिखरी धीमी रंगीन रोशनी वातावरण को रहस्यमय बना रही थी। शेठ जमनादास की इकलौती सुपुत्री कामिनी पंद्रह वर्षों बाद विदेश में अपनी पढ़ाई पूरी कर आज ही स्वदेश लौटी थी। इसी खुशी में