भूली बिसरी खट्टी मीठी यादे - 24

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1973यह साल मेरे लिए खास था।जैसे हर कुंवारी लड़की अपने भविष्य का सुंदर सपना देखती है।वैसे ही हर कुंवारा लड़का भी सपना देखता है।लड़की का सपना होता है,सुंदर राजकुमार सा पति।ऐसे ही लड़का भी चाहता है सुंदर पत्नी।अब यह तो फैसला हो चुका था कि मेरी मंगेतर कोन है।लेकिन उस दिन मैं यह सोचकर गया था कि मुझे यहाँ रिश्ता नही करना है और मैं आकर मना कर दूंगा।पर मेरे कजिन ने हां कर दी थी। अब हां तो गयी थी।इसलिए मैं एक बार फिर से अपनी होने वाली पत्नी को देखना चाहता था।इसलिए मैं अपने होने वाले साले कमल