रक्षाबंधन फ़िल्म समीक्षा

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जिस तरह की फिल्में पिछले काफी दशक से बॉलीवुड में बन रही हैं। ये फ़िल्म उस लीग से थोड़ा हटकर हैं। अब ऐसा नहीं हैं। कि इस फ़िल्म में बहुत ज्यादा मज़ा आ जाएगा। ऐसा कुछ नहीं होगा। क्योंकि अंत में आकर ये फ़िल्म भी बॉलीवुड की परम्परा में ढल जाती हैं। वैसे उदाहरण के तौर पर ये फ़िल्म उस तरह की हैं। जैसे कोई साधु ब्रह्मचर्य का ज्ञान दे, लेकिन खुद लड़कियों के चक्कर में आग में कूद जाएं। ये ऐसी ही फ़िल्म हैं। जिन लोगों ने ये फ़िल्म बनाई हैं। वो खुद कौन कितने पैसे वाला हैं। देखकर,