वो पहली बारिश - भाग 48

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“कहाँ हो?”“ऑफिस में।"“फटाफट नीचे आ जाओ।"“काम कर रही हूँ मैं।"“ठीक है फिर, मैं वहीं आकर बोल देता हूँ, जो मुझे कहना है।"“रुको.. आ रही हूँ मैं।", दीवेश की अधीरता का चिड़ कर जवाब देते हुए नीतू बोली और उसने अपनी डेस्क से उठ कर नीचे जाने की लिफ्ट ली।“यहाँ ऐसे क्यों बैठे हुए हो आप?”, दीवेश को देखते हुए नीतू ने पूछा।“बहुत फालतू टाइम है मेरे पास।"“हह?”"वो क्या है ना, तुम्हारे जाने के बाद जिसने काम संभाला है ना, वो बहुत अच्छा है अपने काम में, तो हर तरफ बस शांति ही शांति है।"“अच्छा.. अच्छी बात है।”, अपने दांत दबाते