बहलोलपुर के लाला उदयराम अपने तीन बेटों और एक बेटी के साथ बरला आ गए। उन्नीसवीं सदी बीतने को थी। उन्होंने बड़े बेटे दिलेराम और छोटे बेटे रामस्वरूप के साथ- साथ बिटिया पार्वती की शादी भी कर दी लेकिन बीच वाला बेटा गोबिंदराम कुंवारा ही रहा, उसने शादी नहीं की। पोते- पोतियां होने के बाद बरला जैसा छोटा सा गांव भला सबको कब तक भाता। लाला उदयराम के न रहने के बाद परिवार ने जनपद मुख्यालय अलीगढ़ को अपना ठिकाना बनाने का विचार किया। पटवारी रामस्वरूप रुपए पैसे से मज़बूत होने के चलते आगे आए और हवेली बननी शुरू हो