आज सुबह से राधिका बहुत खुश थी। रक्षाबंधन मनाने वो आज मायके जा रही थी। तभी उसकी ननद आ गई राखी बांधने। मन ही मन कुसमुसा के रह गई राधिका। इनको भी अभी आना था।बस फिर हंसी ठिठोली के साथ गोपाल को राखी बांधी गई। अब बारी देने की आई। राधिका ने 100 का नोट गोपाल की तरफ देने के लिए बढ़ाया तब तक गोपाल 1100 ₹ निकालकर बैडरूम की तरफ बढ़ा। वो कल ही एक साड़ी और दीदी रितिका के बच्चों के लिए कपड़े लाया था। उसने आकर दिया तो राधिका बिल्कुल जल भुन गई।ननद के जाने के बाद