Exploring East india and Bhutan-Chapter -18 बारहवां दिन आज सुबह हम होटल से चेक आउट करके थिम्पू के लिए निकल लिए. मै और विनीता बीच वाली सीट पर व् मानसी पीछे वाली सीट पर बेठी हुई थी, और थोड़ा पेरशान नजर आ थी, क्योंकि थिम्पू में उसकी मीटिंग मिस्टर भसीन से होनी थी, और मीटिंग के रिजल्ट ने ही मानसी की आगे की राह तय करनी थी. “नर्वस क्यों हो रही हो, तुम कोन सा इस जॉब के सहारे हो” विनीता ने प्यार से समझाया “यही सोच रही थी, मिस्टर भसीन मानेगे या नही” मानसी गाडी की छत की तरफ