कोट - २३

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यों चलता है जीवन: हल्द्वानी पहुँचने पर मैंने कार ली और अल्मोड़ा की ओर चल पड़ा। भीमताल, भवाली, गरमपानी,खैरना और खैरना के बाद टूटी,उबड़-खाबड़ सड़क। मैंने ड्राइवर से कहा," पाँच साल पहले भी यह सड़क ऐसी ही थी।" उसने कहा बीच में ठीक थी,फिर खराब हो गयी है। नदी ने अपना बहाव बदला है और पहाड़ से मिट्टी, पत्थर बह कर रास्ते में आ गये थे। पहाड़ से पत्थर गिरते हैं। बीच-बीच में दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं,वाहन चपेट में आ जाते हैं। सड़क पर कट-कट की आवाज हो रही थी। तो ड्राइवर बोला," हमारे गाँव की सड़क पर निर्माण