बँधुआ

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यह कहानी स्त्री-पुरुष के सहज संबंध से आरंभ होकर स्त्री की गुलामी तक जाती है। दरअस्ल, स्त्री के कमजोर और पुरुष पर आश्रय के कारण पुरुष ने यह फायदा उठाया है। इसी कारण आधुनिक युग में भी यह कहानी बदस्तूर जारी है। स्त्री कितनी भी सक्षम और सर्वोच्च पद पर क्यों न पहुंच जाए वह स्वयं को पुरुष के अधीन ही पाती है।