मेजर कार्तिक आगे कहते हैं -"चीख की आवाज़ सुनकर मैं काफी घबरा गया था। मैं जैसे-तैसे टटोल-टटोल कर अंदर गया और उस लड़की को ढूंढने लगा। अंदर जाने के बाद कुछ आवाज़ें ऊपर से आती हुई महसूस हुई। मैं जितना जल्दी कर सकता था, उतना जल्दी उस लड़की को ढूँढना चाहता था। मुझे उसकी फिक्र हो रही थी। मैं पहले फ्लोर पर पहुंचा। पर वहांँ कोई न था। आवाजें और ऊपर से आ रही थी। मैं दूसरे फ्लोर पर पहुंँचा। आवाजें वहीं से आ रही थी। आवाजों से साफ पता चल रहा था कि वहांँ दो जने गुथमगुथा हो रहे