मेरे बड़े कजिन जगदीश जो गणेश ताऊजी के सबसे बड़े बेटे थे।इन्द्र जो ताऊजी कन्हैया लाल के बड़े बेटे थे और मैं हम तीनों का गुट था और हम में अच्छी पटती थी।मेरे गांव पहुचने के दूसरे दिन मैं, ताऊजी और जगदीश भाई चबूतरे पर बैठे थे।तब ताऊजी मुझ से बोले,"कल जाकर लड़की देख आओ।"मेरे ताऊजी मास्टर थे।काफी साल पहले वह झर में रहे थे।उस समय झर स्टेशन पर मेरे नाम राशि किशन लाल सहायक स्टेशन मास्टर थे।उनसे ताऊजी की दोस्ती हो गयी।उस समय उनके लड़की का जन्म हुआ था।ताऊजी ने उस लड़की क गोद मे खिलाया था।वर्षो बाद एक