एक बेवकूफ - 5

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चौकी पहुँच कर दोनों कुछ देर आमने सामने बैठ जाते है। एकदम चुप बस एक दूसरे को घूरते हुए। विक्रम की आँखों में गुस्सा था और अभिमन्यु की आँखों में कौतुहल। फिर अभिमन्यु ने मौन तोड़ते हुए कहा " ये एम.पी. खुद को ज्यादा नहीं समझता?? खुद तो बैठा रहता है और बाकियों को अपना खरीदा हुआ नौकर समझता है। सच्ची बताऊं तो इन जैसे नेताओं को तो उल्टा लटकाने का मन करता है। विक्रम ये सुनते ही चौंक कर सीधा हो गया,वो अचरज से अभिमन्यु को घूरता जा रहा था।अभिमन्यु (मुस्कुराते हुए)" क्या हुआ दोस्त; मेरे सर पर सींग