नकाब - 16

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भाग 16 राघव गुड़िया का हाथ पकड़े बाहर गाड़ी तक आया। उसे पीछे की सीट पर बिठा दिया। ठाकुर गजराज सिंह आगे की सीट पर बैठ गए। गुड़िया कसमसा कर रह गई। वो किसी भी हालत में जाना नही चाहती थी। पर राघव और पिता ने उसे जिस तरह बैठे देखा था, उसे वो लाख बातें बना कर भी झुठला नहीं सकती थी कि उसके और प्रभास के बीच कुछ भी नही है। इसी सब वजह से उसकी जुबान नही खुल पा रही थी। इस तरह अचानक सब कुछ हुआ की गुड़िया ने चुप रहने में ही अपनी भलाई समझी।