इसलिए मुझे जो पगार मिलती थी।उसी में हम लोगो का गुजारा होता था।आम आदमी या मिडिल क्लास के लिए हमेशा ही महंगाई एक समस्या रही है।यहां मैं एक बात और बता दूं।मेरे किसी भी रिश्तेदार ने मतलब ताऊजी या और कोई न भी फिर पीछे मुड़कर नही देखा।तेरहवीं के बाद गए तो फिर नही आये।मेरे मामा भी उनकी तो जिम्मेदारी थी अपनी बहन के प्रति पर ना वे आये। आगे बढ़ने से पहले कुछ और घटनाये।मेरे कजिन इन्द्र की सगाई हो गयी थी।उस समय मेरे पिताजी आबूरोड में ही पोस्ट थे।मेरे पिताजी ताईजी को बहुत मानते थे।इसकी वजह थी।जब पिताजी