31 ---- लाखी यह सब बताते हुए भी बहुत घबराई हुई थी | "पता नहीं माँ को यह सब पता था क्या कि वह पंडित के नाम पर बदमाश आदमी है लेकिन अब मुझे लगता है कि पता ही होगा | दुख भी होता है कि कोई भी माँ अपनी बेटी को ऐसे किसी घर में कैसे भेज सकती है ? " घड़ी भर को रुककर उसने कहा; "माँ की भी मज़बूरी थी ही, उसका पियक्कड़ आदमी !" लाखी बातें करते-करते बार-बार रोने को हो आती थी| " फिर एक दिन माँ ने कहा कि उसकी तबियत खराब है