अपंग - 29

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29 ---- यानि जिसके पास अपनी ज़िंदगी का कोई हल न हो, वह दूसरों के लिए हल खोजने की बात कर रहा था | उसे याद आया, रिचार्ड अक्सर कहता है ; "लाइफ़ इज़ लाइक दिस ओनली, जो चीज़ें तकलीफ़ दें उन्हें छोड़कर आगे बढ़ो |" वह भी कुछ ऐसा ही सोचने लगी है कि रोते हुए ज़िंदगी नहीं काटी जा सकती और काटना भी क्यों? जीवन में एक बार मिलने वाली ज़िंदगी को रोकर काटो, क्या बकवासबाज़ी है ?कुछ तो सोचना ही होगा |  "तू पढ़ती क्यों नहीं लाखी ?" अचानक भानु ने कहा तो वह अचकचाकर उसकी गोदी