भूली बिसरी खट्टी मीठी यादे - 10

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लेकिन मैं ज्यो ही वार्ड के दरवाजे पर पहुंचा।मुझे रोक दिया और दरवाजा बंद हो गया था।यो तो दीवाली की छुट्टी थी लेकिन पिताजी के एडमिट होने का समाचार मिलते ही सी एम ओ और अन्य डॉक्टर आ गए थे और सब वार्ड में थे। कुछ देर बाद एक नर्स मेरे पास आई और बोली,"आपके पिताजी का नाम क्या था?"और इस था ने मेरा संसार मुझ से छीन लिया था।मेरे सिर से पिता का साया उठ गया था।पिताजी के गुज़र जाने की खबर आग की तरह फैल गयी थी।मैं समझ नही पा रहा था।पिताजी ने क्यो मुझे भेज दिया और