वो पहली बारिश - भाग 43

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"तुम्हें उम्मीद है की ये सब सुनने के बाद भी, हम तुम्हें यहाँ रुकने देंगे?", सुनील ने निया से पूछा। "ठीक है, तुम अभी हॉल में रुको, हम वो दूसरे कमरा साफ़ करके आते है।", चंचल निया को ये बोलते हुए, सुनील के साथ दूसरे कमरे में जाती है। "देखो.. वैसे भी रात बहुत हो गयी है, आज तो उसे यहाँ रुक जाने दो, फिर कल देखते है। तुम अपना सामान उठा कर, मेरे साथ ही आ जाओ, वैसे भी अब जब कम्पटीशन खत्म हो गया है, तो हमारा भी अलग रहना ज़रुरी है क्या?" ********************** "ओए.. क्या चल रहा