" नमश्ते मेरा नाम है धनुष और इस देव दास पुर के इलाके का डोन लेकिन लोग मुझे प्यार से धनु बुलाते है " रजनी ने कहा की..." ओहो अब तो लोग भी अजीब आने लगे है गुंडे के नाम भी प्यार से लेने लगे है " मानना पडेगा कमाल है. कुनाल ने कहा की..." हमे यहा पर क्यू बुलाया गया है " हमारी क्या जरूरत आ पडी तुमको बताओ. धनुष ने कहा..." कुच नही रे हमे ना बस तुम्हारे इलाको मे एक एक फेक्ट्री बनवानी है " अगर तुम लोग इस मे मेरि मदद करोगे तो फायदा तुम लोगो