खड़ूस

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"जब देखो तुम फोन पर चिपकी रहती हो!" वैष्णवी के पास से गुजरते हुए मनोज खिजे हुए से बाहर वराण्डे की ओर चले गए। उसे लगा शायद वे उससे कुछ बात करने आए थे। वह व्हाट्सएप पर आज के कुछ मैसेज़ चेक कर रही थी। उसे गिल्टी फील हुआ। वह मनु के पीछे-पीछे दौड़ी। "सॉरी, हां बोलो क्या बात है?" यह रोज का किस्सा था। मनोज जब भी बात करने आते ,उसे कहीं ना कहीं फोन पर व्यस्त पाते थे। लैपटॉप पर काम करना उसने छोड़ दिया था। फोन हैंडी लगता था उसे। फेसबुक पर उसे कॉलेज की कुछ लड़कियों