बंद खिड़कियाँ - 25

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अध्याय 25 सरोजिनी के अंदर आने को महसूस कर पलट कर आराम से उठा। उसकी आंखों में क्रोध से मार डालने वाला एक जुनून को देखकर भी सरोजिनी को कोई डर नहीं लगा | इस पर उसे स्वयं आश्चर्य भी हुआ। उसने सीधे उसे देखा। उसकी हिम्मत को देखकर वह भी चौंक गया और उसकी चाल में संकोच दिखाई दिया। फिर अपने आप को संभाल कर अकड़ के साथ उसके गाल पर एक जोरदार चांटा मारा। दहशत के बाबजूद भी बिना डरे अपने को संभाल कर खड़ी रही। अचानक उसे वह निम्न से भी निम्नतर दिखाई दिया। "इतना साहस, मेरे