बंद खिड़कियाँ - 21

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अध्याय 21 सरोजिनी ने अनजाने में ही शंकर की पत्नी मल्लिका को देखा। मल्लिका, शंकर, और अरुणा को देख वह हल्की मुस्कुराई। हल्का सा संकट उस मुस्कुराहट के पीछे छाया जैसे है ऐसे सरोजिनी को लगा। वह मल्लिका के पास जाकर उसके कंधे को पकड़ कर वह बोली "मल्लिका हो ना?" कहकर हंसी। "तुम्हारे बारे में अरुणा हमेशा बड़प्पन से बोलती है"। मल्लिका के चेहरे पर एकदम से प्रकाश दिखाई दिया। "मुझे देख कर उस पर विश्वास करने लायक कुछ है बड़ी अम्मा?" "सिर्फ देखने के बदले अच्छी तरह से घुले मिले तो ही उस पर विश्वास करें या नहीं