बंद खिड़कियाँ - 6

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अध्याय 6 "क्यों मां आज नहाना, पूजा ऐसा कुछ भी नहीं है क्या?" दूसरी बार पास में आकर नलिनी को पूछने आई सरोजिनी । सामने खड़ी नलिनी के चेहरे पर चिंताओं की रेखाएं दिखाई दे रही थी। "आपकी तबीयत ठीक नहीं है क्या?" उसने पूछा। सरोजिनी हल्के मुस्कुराते हुए उठी। "ऐसा कुछ नहीं है। तबीयत बिल्कुल ठीक है।" "रोज इस समय तक नहाकर आप पूजा पूरी कर लेते हो!" "उसके बाद रोज चुपचाप बैठी रहती। आज शुरू में ही बैठ गई: वही अंतर है ना कोई काम ना कुछ? कुछ नहीं। कुछ भी करो मेरे लिए एक जैसा ही है।"