दिवाली की छुटिया

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में और मेरा परिवार शहर रहते थे। में बीएससी बायोटेक्नोलॉजी का कोर्स कर रहा था। मेरी अच्छी पढ़ाई हो पाए इसलिय मेरे मम्मी पापा मेरे बचपन से गाव को छोडकर सिटी में रहने आ गए थे। मेरा बाकी का परिवार चाचा चाची, मामा मामी और मौसा मोसी सब गाव में थे । मैंने अपने पापा के मुह से अपने गाव के बारे में बहुत कुछ सुना था। गांव में ऐसा होता है और होता है । सब लोग वहा पे त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाते हैं। और क्या कुछ नहीं सुना था। बहोत कुछ सुना था।इस्लिये मुजे गांव में जाने