कहते है अगर आप किसीको सच्चे दिलसे याद करोगे तो आपकी पुकार वो कही भी हो सुन लेता है। यही चंदा और सूरज के साथ हुवा दोनों एक दूसरे को एक बार मिलना चाहते थे। कुदरत ने उन्हें मौका दे दिया। राम मनोहर ने चंदा से कहा जाओ सूरज और आकाश को सेक्री पहाड़ी से दूर मुख्य रास्ता है जहा से चमोली जा सके, रास्ता दिखाके आओ।" जी ,बापू , कह के वो बहार आ गई। सूरज से दोबारा मिलने की बात ने ही उसे खुशी से दीवाना बना दिया। वो हिरन की तरह दौड़ती अपनी सहेली रैना के पास