15 गोलू ने देखी दिल्ली दो दिन। खूब चहल-पहल, गहमागहमी और चुस्ती-फुर्ती वाले दो दिन। घुमक्कड़ी के आनंद से भरे दो दिन। दिल्ली की सुंदरता को नजदीक से देखने-जानने के दो दिन। ये दो दिन दिल्ली आने के बाद गोलू के सबसे अच्छे दिन थे। सारी चिंताएँ, सारी फिक्र भूलकर वह घूम रहा था। सिर्फ घूम रहा था। लालकिला, कुतुबमीनार, राजघाट, शांतिवन, तीनमूर्ति, गाँधी स्मृति, गुड़ियाघर, अप्पूघर, चिड़ियाघर...कनॉट प्लेस, चाँदनी चौक!...कोई ऐसी मशहूर जगह न थी, जो इन दो दिनों में गोलू ने न देखी हो। और वह इन सबसे अछूता ही रह जाता, अगर रंजीत साथ न होता। एक