निर्वाण--भाग(४)

  • 3.1k
  • 1.6k

देखते ही देखते समय पंख लगाकर उड़ गया,भामा ने बाहरवीं भी पास कर ली थी और वो काँलेज भी पहुँच गई थी,साथ साथ उसने उत्तर प्रदेश लेडी काँन्सटेबल के लिए आवेदन भी भरा और वो उसने क्वालीफाई भी कर लिया,इसलिए उसने अपनी आगें की पढ़ाई प्राइवेट करने की सोचीं..... भामा की नौकरी की खबर से माखनलाल जी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया और सम्पदा के अरमानों को तो जैसे पंख ही मिल गए थे,वो खुशी के मारें फूली ना समा रही थी,आखिरकार उसकी और उसकी बेटी की मेहनत सफल जो गई थी,दोनों पति पत्नी ने सारे मुहल्ले और