निर्वाण--भाग(२)

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माँ! बाबूजी से बात करो ना! वो हम सबको गाँव ले चलेगें,प्रबल बोला।। कह दिया ना कि हम गाँव नहीं जाऐगे,सम्पदा बोली।। लेकिन माँ! हम हर साल तो गाँव जाते हैं तो इस बार क्यों नहीं! भामा ने पूछा।। वो इसलिए कि मैं नहीं चाहती कि तुम्हारी दादी तुम्हें हमेशा कोसती रहें,हमेशा यही जताती रहे कि तू एक लड़की है,तुझे पढ़ाकर मैं और तेरे बाबूजी गुनाह कर रहे हैं,सम्पदा गुस्से से बोली.... तो क्या दादी नहीं चाहती कि मैं आगें पढ़ू? भामा ने पूछा।। नहीं!वो तो कहतीं हैं मैं तुझे घर के काम सिखाऊँ,सम्पदा बोली।। तुम नहीं चाहती तो फिर