टेढी पगडंडियाँ - 50

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टेढी पगडंडियाँ 50 मंगर जब भी किरण को याद करता , उसका मन गर्व से भर उठता । सही कहता था न वह , यह लङकी तो इस दुनिया की है ही नहीं , किसी और ही दुनिया से उतरी है और अचानक उनके घर आ गयी वरना कहाँ परियों जैसी किरण और कहाँ उनकी टूटी फूटी झोंपङी । कभी लगता ही नहीं था कि वह उनकी बेटी है । पढाई में कितनी होशियार थी , हमेशा फर्सट आती । सबसे ज्यादा नम्बर लेकर पास होती । दोनों बहन भाइयों की जान बसती थी उसमें । सीरीं के साथ कितना