11 उड़ाइए महाराज, अब इन्हें भी उड़ाइए एक बार की बात है, विजयनगर राज्य का स्थापना दिवस निकट था। इसलिए पूरे राज्य में आनंद और उत्साह का वातावरण था। प्रजा मन ही मन अनुमान लगा रही थी, “देखें भला इस बार राजा कृष्णदेव राय किस रूप में इसे मनाते हैं? जरूर इस बार भी कोई न कोई अपूर्व और यादगार कार्यक्रम होगा।” राजा कृष्णदेव राय ने प्रमुख दरबारियों की एक सभा बुलाई। कहा, “आप लोगों को पता ही है, विजयनगर का स्थापना दिवस हम हर वर्ष धूमधाम से मनाते हैं। इस अवसर पर ऐसे कार्यक्रम होते हैं, जिन्हें प्रजा बड़े