जुनून - इश्क या बदले का... - 13

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रवि कि पूरी बात सुन कर , दादी सिमरन को एक नजर देखते हुए आरव से कहती हैं। अगर तुम्हे कोई प्रॉब्लम ना हो , तो क्यू ना तुम सिमरन को ही अपनी पर्सनल सेक्रेटरी बनालो ..?..दादी कि बात सुन सिमरन जो खा रही थी , वो उसके गले में ही अटक जाता है। और वो जोर जोर से खांसने लगती है। सिमरन को ऐसे खांसता देख सब लोग परेशान हो जाते हैं। प्रांजलि जल्दी उठ कर उसे पानी का ग्लास देती है , और उसकी पीठ को सहलाने लगती है। ताकि उसे खांसी से आराम मिल सके । सिमरन