सहस्त्रबाहु के समीप पहुँचकर सोनमयी ने पूछा.... भ्राता! हम सब यहाँ किस कारण उपस्थित हुए हैं,आपके मस्तिष्क में कोई योजना तो नहीं चल रही है... हाँ! सोनमयी! ऐसा ही कुछ है,मेरे मस्तिष्क में योजना तो चल रही है,सहस्त्रबाहु बोला।। किन्तु ! वो योजना क्या है? वीरप्रताप ने पूछा।। वो ये कि मैं अपने मात-पिता का रहस्य किस प्रकार ज्ञात करूँ? मैं ये ज्ञात करना चाहता हूँ कि सुकेतुबाली ने उन्हें किस स्थान पर बंदी बनाकर रखा है,इतना तो ज्ञात है कि उन्हें किसी समुद्रतल की गहराई में बंदी बनाकर रखा है किन्तु कहाँ ? मैं ये नहीं समझ पा रहा