राज-सिंहासन--भाग(८)

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क्या हुआ भ्राता? आप किस सोच में पड़ गए,वीरप्रताप ने पूछा।। तो इसका तात्पर्य है कि ज्ञानश्रुति निर्दोष है,सहस्त्रबाहु बोला।। यदि ये निर्दोष है एवं ये सत्य बोल रहा है,तो इसका कोई प्रत्यक्ष प्रमाण भी तो होना चाहिए तभी तो इसकी बात पर विश्वास किया जा सकता है,वीरप्रताप बोला।। इसकी निष्पक्ष आँखें ही इसकी सत्यता का प्रमाण है,सहस्त्रबाहु बोला।। तो आप इनकी सहायता का निर्णय ले चुके हैं,वीरप्रताप ने पूछा।। निर्णय कैसा वीर? हमें राजकुमार ज्ञानश्रुति की सहायता करनी ही चाहिए,सहस्त्रबाहु बोला।। किन्तु हमें तो ये भी ज्ञात नहीं कि इस समय इनकी बहन निपुणनिका किस स्थान पर बन्दी है,सोनमयी