भानसिंह अपनी बहन हीरादेवी,बहनोई घगअनंग ,शिष्य शम्भूनाथ और राजकुमार को लेकर अनादिकल्पेश्वर के आश्रम के ओर निकले ही थे कि इधर ज्ञानेश्वर ऋषि के आश्रम में सुकेतुबाली अपनी सेना के संग राजकुमार को खोजते हुए आ पहुँचा,जब आश्रम में किसी ने भी राजकुमार के विषय में नहीं बताया तो उसने ज्ञानेश्वर ऋषि समेत सबकी हत्या करवा दी और आश्रम को अग्नि के सुपुर्द करके भाग गया किन्तु उस आश्रम से एक वीरभद्र नामक युवक भाग निकला।। उसने कहीं से एक अश्व का प्रबन्ध किया और भानसिंह की खोज में निकल पड़ा कि वो भानसिंह को ये बता सकें ऋषि ज्ञानेश्वर