संगिनी को अब समझ में आ रहा था कि इतने समय से उसके मामा दयाराम से मुलाकात क्यों ना हुई थी?वो इसलिए कि वो जेल में हैं,संगिनी को अब इस बात का डर सता रहा था कि कहीं उसकी कंठी का भेद ना खुल जाएं और ये बात कहीं उसके पति को पता चल गई तो वें ना जाने क्या सोचेगें?संगिनी के मस्तिष्क में विचारों का आवागमन निरन्तर जारी था और वों इस झमेले से छुटकारा पाना चाहती थी,उसने ये बात शुभगामिनी से भी कही और इस बार शुभगामिनी ने संगिनी को सलाह दी कि वो इस बार सत्या को