राज-सिंहासन--भाग(१)

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सूरजगढ़ के राजा सोनभद्र अपने कक्ष में अत्यधिक चिन्तित अवस्था में टहल रहें हैं,उनके मस्तिष्क की सिलवटें बता रहीं हैं कि उन्हें किसी घोर चिन्ता ने आ घेरा है,तभी उनके महामंत्री भानसिंह ने उनके कक्ष में प्रवेश किया और महाराज सोनभद्र से बोले ...... महाराज! आप यूँ चिन्तित ना हो,ईश्वर की कृपा से सब मंगल ही होगा।। हमें भी यही आशा है महामंत्री जी!,महाराज सोनभद्र ने कहा।। महाराज! आपकी होने वाली सन्तान और महारानी को कुछ नहीं होगा,उन पर हम सब का आशीर्वाद है,महामंत्री भानसिंह बोले।। ईश्वर करें कि आपका कहा सच हो जाए,महाराज सोनभद्र बोले।। तभी महल की एक