बंगले के बोर्ड पर चार नाम अंकित थे : पति, बृजमोहन नारंग का; पत्नी, श्यामा नारंग का; बड़े बेटे, विजयमोहन नारंग का; और छोटे बेटे इन्द्रमोहन नारंग का। एजेंसी के कर्मचारी ने अपना पत्र बाहर पहरा दे रहे गार्ड को थमा दिया और बोला, ’’अन्दर अपनी मैडम को बता ादो मालती की सबस्टीट्यूट (एवज़ी) आई है।’’ मलती मेरी माँ है मगर एजेंसी के मालिक ने कहा था, ’’क्लाइंट को रिश्ता बताने की कोई ज़रूरत नहीं.....।’ इस एजेंसी से माँ पिछले चौदह वर्षों से जुड़ी थीं। जब से मेरे पिता की पहली पत्नी ने माँ की इस शादी को अवैध घोषित