एक बूंद इश्क - (आखरी अध्याय)

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३१.तारों के रुप में रुद्र-अपर्णा अपर्णा की बातें दरवाज़े पर खड़ी चाची ने सुन ली, तो उन्होंने तुरंत चाचा को फोन करके सब को सीटी हॉस्पिटल जाने के लिए कह दिया। इधर अपर्णा की तबियत भी बिगड़ रही थी। चाची और सावित्री जी मिलकर उसे भी नीचे ले आई। दादाजी अपने कमरे में थे। उन्हें इन सब के बारे में कुछ पता नहीं था। चाची और सावित्री जी अपर्णा को भी हॉस्पिटल ले गई। हॉस्पिटल पहुंचकर दोनों ने अपर्णा को वहां एडमिट किया। तब तक चाचा, विक्रम और रणजीत जी भी आ गए। उन्होंने यहां के डॉक्टर से बात करके