रात का अंधेरा और चारों ओर सन्नाटा छाया हुआ था | हल्की बारिश भी हो रही थी | उस सुनसान रास्तेें से ईकलौती | हमारी कार गुजर रही थी | डराईवर पुरी तरह पसीनें से भीग चुका था | और चुपचाप गाड़ी चला रहा था | पीछे मैं अपनें कुछ दोस्तों के साथ बैठी हुई थी | डराईवर के बगल में रौनीत बैठा हुआ था | ना जानें क्युँ डराईवर काफि परेशान दिख रहा था | बगल में बैठा रौनीत उस्से बहुत बार पुछनें की कोशिश किया की क्या हुआ आपको | आपको पसीनें क्युँ आ रे है | मगर