आदत

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सूचना : ये कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है व इसका जीवित यां मृत किसी भी व्यक्ति से कोई सम्बंध नहीं है, अगर ऐसा हुआ है तो ये महज़ एक इत्तेफाक है ।ये कहानी केवल पाठकों के मनोरंजन के लिये लिखी गई है ।"सपना मैं तुमसे प्यार करता हूं" विजय ने कहा तो सपना बोली"लेकिन मुझे सोचने का वक़्त चाहिए""प्यार सोच कर तो नहीं किया जाता ?""हम्म...शायद मैं तुमसे प्यार ही नहीं करती, ये भी हो सकता है""हां हो सकता है लेकिन मैं तो तुम्हें प्यार करता हूं""हां तो करते रहो...लेकिन ये समझ लेना कि ये एक तरफ़ा ही होगा"