क्या वो एक वेश्या थी ? (भाग-3)(अन्तिम भाग)

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अन्तिम भाग-3“आपको देखकर ऐसा लगता है जैसे कोई अपना मिल गया हो” - वो ऐसे ही लिपटी हुई चलने लगी । नवीन के अन्दर प्यार का सैलाब उमड़ रहा था । समय गुजरता रहा और इस दौरान दो बार नवीन और शांति उसे शांति के घर भी ले गये । वो नवीन को कभी मना नहीं करती थी । परन्तु जब शांति इच्छा जताता था तो हमेशा कह देती कि तुम तो मेरे भाई हो । शांति ने भी कभी ज्यादा जोर नहीं डाला । साथ घूमना फिरना तो चल ही रहा था । एक दिन नवीन निशा को लेकर