अय्याश--भाग(२३)

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फिर अमरेन्द्र ने सबसे कहा कि.... वें सब कल ही मोक्षदा को देखने आ रहे हैं,इसलिए सारी तैयारियांँ आज से शुरू करनी होगीं,मैं महाराज को बुलवाकर कुछ मीठा और नमकीन बनवा लेता हूँ और वही कल का भोजन भी बना देगा,मोक्षदा अब केवल आराम करेगी,इतने सालों बहुत काम कर चुकी।। सही कहा छोटे मालिक आपने,झुमकी काकी बोली।। तो फिर सत्यकाम बाबू चलिए मेरे साथ ,महाराज से बात करके आते हैं,अमरेन्द्र बोला।। जी चलिए! सत्यकाम बोला।। और फिर दोनों घर से निकलने ही वाले थे कि मोक्षदा बोल पड़ी.... दोपहर का भोजन तो कर लेते भइया! फिर कहीं जाते।। अरे! मेरा