अय्याश--भाग(१८)

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उस रात मोक्षदा के खाना ना खाने से सत्या कुछ चिन्तित सा हो गया,उसे बुरा लग रहा था कि उसकी बातों ने मोक्षदा के हृदय को शायद आहत किया है,उसने सोचा वो मोक्षदा से सुबह माँफी माँग लेगा और यही सोचते सोचते उसे कब नींद आ गई उसे पता ही नहीं चला..... सुबह हुई और आज मोक्षदा की तबियत ठीक थी इसलिए उसने ठीक समय पर जागकर सुबह के सारे काम निपटा लिए थे,वो घर के पीछे के आँगन में तुलसीचौरें के पास अपनी आँखें बंद किए खड़ी थीं, उसके बाल गीले और खुले हुए थे,तभी सत्यकाम जागा और उसने